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यहाँ भगवान हनुमान से नफरत करते हैं लोग, नहीं करते पूजा

uttarakhand dronagiri villagers not worship lord hanuman

हर साल आने वाली हनुमान जयंती इस बार 19 अप्रैल को है. ऐसे में कलयुग के प्रमुख देव के रूप में हनुमान जी की पूजा करते हैं और मान्यता है कि अगर कोई व्यक्ति सच्चे मन से हनुमान जी की पूजा कर ले तो उसकी भक्ति से हनुमान जी जल्दी ही प्रसन्न हो जाते हैं. ऐसे में पूरे देश में हनुमान जी को भगवान मानकर पूजा करते हैं लेकिन एक ऐसी जगह भी है जहाँ लोग हनुमान जी को पसंद नहीं करते हैं और यहां पर हनुमान जी की पूजा भी नहीं की जाती है. 

जी हाँ, यह जगह है उत्तराखंड के चमोली में स्थित द्रोणागिरी गांव. जी हाँ, इस गांव के बारे में कहते है कि जब राम - रावण के युद्ध में लक्ष्मण को शक्ति बाण लगा और वे इस बाण से मुर्छित हो गए तो उन्हें बचाने के लिए हनुमान जी संजीवनी बूटी लेने आए तब उन्हें संजीवनी बूटी नहीं मिली और इसी वजह से वे पूरे द्रोणागिरी पर्वत को ही उठाकर ले गए.

कहा जाता है ये द्रोणागिरी पर्वत इसी द्रोणागिरी गांव में स्थित था और इसी कारण से यहाँ रहने वाले लोगों का मानना है कि जब हनुमान जी ने यहां स्थित पर्वत उठाया तो उनके पर्वत देवता यहां तपस्या में लीन थे और हनुमान जी ने उनकी तपस्या पूरी होने का भी इंतजार नहीं किया. इसी दौरान पर्वत को उठाते समय पर्वत देव का एक हाथ भी टूट गया था. इस कारण से यहां के लोग हनुमान जी से नाराज हैं और द्रोणागिरी गांव के लोग आज भी हनुमान जी की पूजा नहीं करते हैं. आप सभी को बता दें कि इस गांव में लाल झंडे का भी विरोध किया जाता है. 

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