यहाँ जूते-चप्पल पहनने के नाम से कतराते हैं लोग, जानिए वजह
दुनियाभर में ना जाने कितनी ही परम्परा है जो बहुत अजीबोगरीब है. ऐसे में फैशन की बात करें तो वह कहीं भी कुछ भी हो जाता है और आजकल फैशन के दौर में कपड़ों से मैचिंग सैंडिल, चप्पल, जूते पहना करते हैं. ऐसे में आज हम जिस जगह के बारे में बताने जा रहे हैं वहां लोग जूते चप्पल पहनने के नाम पर लोग गुस्सा करने लगते हैं. जी हाँ, एक ऐसी जगह जहाँ चप्पल पहनने के नाम से लोग कतराते हैं. जी हाँ, अब आप सोच रहे होंगे तो वह लोग क्या पहनते हैं तो आपकी जानकारी के लिए बता दें कि वह कुछ नहीं पहनते हैं. जी हाँ, हम बात कर रहे हैं मदुराई से 20 किलोमीटर दूर स्थित एक ऐसे गांव की जहां पर लोगों को जूते चप्पल पहनना मना है और वह जूते-चप्पल नहीं पहनते हैं. आपको बता दें कि इस गांव का नाम कलिमायन है.
जी हाँ, कहा जाता है इस गांव में वर्षों से लोगों ने अपने पैर में चप्पल या जूते नहीं पहने हैं यहाँ जूते-चप्पल के नाम से लोगों को गुस्सा आता है. कहा जाता है इस गांव के लोग अपने बच्चों को भी इसे पहनने से मना करते हैं क्योंकि यह वह गलत मानते हैं. वहीं अगर इस गाँव में कोई गलती से भी जूते पहन लेता है तो उसे कठोर सजा सुनाई जाती है. जी हाँ, आप सभी को यह भी बता दें कि जूते चप्पल न पहनने के पीछे लोगों का अपना एक तर्क है. यहाँ के लोग बताते हैं कि यहाँ अपाच्छी नाम के देवता की सदियों से पूजा की जा रही है और उनका मानना है कि अपाच्छी नाम के देवता ही उनकी रक्षा करते हैं और वह अपने इस देवता के पीछे आस्था दिखाने के लिए गांव की सीमा के अंदर जूते-चप्पल पहनकर नहीं जाते हैं. यह एक परम्परा है जो बरसों से चली आ रही है.
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