बहुत खास है ये लाल भिंडी, जानिए क्यों?
सब्जियों की भी कई किस्म होती हैं और कुछ तो ऐसी होती हैं जो चौंकाती हैं. जी हाँ और ऐसी ही एक किस्म है लाल भिंडी की. इसे काशी लालिमा भिंडी (Kashi Lalima) के नाम से भी जाना जाता है. आप सभी को बता दें कि इस भिंडी को कुछ साल पहले वाराणसी (Varanasi) के इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ वेजिटेबल ने विकसित किया था. जी हाँ और इसे विकसित करने वाले वैज्ञानिकों का मानना है कि सामान्य भिंडी के मुकाबले इसमें पोषक ज्यादा हैं. जी दरअसल वैज्ञानिकों का कहना है, जिस तरह क्लोरोफिल के कारण आम भिंडी का रंग हरा होता है, उसी तरह एंथोसायनिन (Anthocyanin) नाम के पिगमेंट के कारण इस भिंडी का रंग लाल है.
वैज्ञानिकों का दावा है कि लाल भिंडी (Red Lady Finger) हरी भिंडी के मुकाबले ज्यादा पौष्टिक है. इसी के साथ बताया गया है कि इसे विकसित करने वाले विशेषज्ञों का दावा है कि काशी लालिमा भिंडी में ज्यादा एंटीऑक्सीडेंट्स, कैल्शियम और आयरन पाया जाता है. सामने आने वाली एक रिपोर्ट के मुताबिक, इसे तैयार करने में वैज्ञानिकों को करीब 23 साल लगे हैं. आपको बता दें कि वैज्ञानिकों ने लाल भिंडी को उगाने की कोशिश 1995-96 से की थी.
जी हाँ और इसमें हरी भिंडी के मुकाबले ज्यादा पोषक तत्व हैं. आपको बता दें कि इसकी कीमत 100 से 500 रुपये किलो के बीच है. ऐसे में अब इसके बीज भी उपलब्ध होने के कारण इसे दूसरे राज्यों में भी उगाया जा रहा है.
आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश के अलावा मध्य प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ में लाल भिंडी की खेती की जा रही है. इसी के साथ वैज्ञानिकों का कहना है, लाल भिंडी की खेती भी उसी तरह की जाती है जिस तरह हरी भिंडी की. आज के समय में देश के कई राज्यों के किसान लाल भिंडी को उगा रहे हैं और उसे 100 से 500 रुपये के बीच बेचकर मुनाफा कमा रहे हैं.
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